*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday, 16 November 2020

घर घर दीप जलाएं हम (कविता) - अख्तर अली शाह 'अनन्त'


घर घर दीप जलाएं हम
(कविता)

*******
ज्योतिर्मय जग कर दें तो सुख पाएं हम।
आओ मिलकर घर घर दीप जलाएं हम।।
******
दीप   जलाएं    मेटें   मिलकर  अंधियारे ,
रोशन  कर   दें  अवनी अम्बर  हम  सारे।
ये  त्यौहार  नहीं   है   सिर्फ  अकेले  का,
याद उन्हें  भी  रक्खें   जो   हैं  दुखियारे।। 
उनको  भी  खुशियों  में  भागीदार  करें ,
पल खुशियों के आए भूल न  जाएं हम।
ज्योतिर्मय जग कर दें तो सुख पाएं हम,  
आओ मिलकर घर घर दीप जलाएं हम।।
******
सुख  बांटो  तो  कई  गुना  बढ़ जाता है,
रगरग   से   ये  स्नेहसुधा   बरसाता   है।
इंसानों   की  एक  अलग  पहचान  रही ,
मिलजुल  करके खाना  इनको आता है।। 
हम दानव  के  वंशज  नहीं  न दानव  हैं,  
इंसां   हैं,  ये   इसां   को   समझाएं  हम।
ज्योतिर्मय जग कर दें तो सुख पाएं हम, 
आओ मिलकर घरघर दीप जलाएं हम।।
*******
धन प्रकाश का सुन्दरता  का वर  ले लें,
लक्ष्मी   माता  से  अपने  जेवर   ले  लें ।
विजय न्याय की होती  है  विश्वास करें , 
अन्यायी   का   उठें   उतारें  सर   ले लें।।
सहने से भी  मदद  हुई  है जालिम  की, 
इस जज्बे को फिर  परवान चढ़ाएं  हम।
ज्योतिर्मय जग कर दें तो सुख पाएं हम, 
आओ मिलकर घर घर दीप जलाएं हम।।
******
"अनन्त"साधन हीनों  को साधन दें हम .
रोजगार  देकर  आनन्दित  मन  दें  हम।
परेशान   जो   सर्दी    गर्मी  बारिश   में ,
पोषण  कर पाएं  इतना तो धन  दें  हम।।
खूब उड़ाएं  पैसा   अपनी   मौजों   पर ,
उनके जख्मों को भी तो  सहलाएं  हम।  
ज्योतिर्मय जग कर दें तो सुख पाएं हम, 
आओ मिलकर घर घर दीप जलाएं हम।। 
-0-
अख्तर अली शाह 'अनन्त'
नीमच (मध्यप्रदेश)
-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें
 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ