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Saturday, 3 July 2021

बारिश की रूमानी फुहार (कविता) - अतुल पाठक 'धैर्य'


बारिश की रूमानी फुहार
(कविता)
बारिश की आई रूमानी फुहार,
हुआ है मदहोश दिल बेकरार।

प्रेमी संग प्रेमिका गाए प्रेमगीत मल्हार,
आसमां भी हो रहा खूब गुलज़ार।

मौसम अंगड़ाई लेता आती बहार,
वो पगली मुस्कुराती बार बार।

प्रेमप्रसून खिल रहे हृदय में,
सावन में बरसे बेशुमार प्यार ही प्यार।

अरमान~ए~गुल खिले दिल लगा महकने
प्यार की रौनक है प्यार ही उपहार
-०-
पता: 
अतुल पाठक  'धैर्य'
जनपद हाथरस (उत्तरप्रदेश)

-०-

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Thursday, 1 July 2021

वर्षा गीत (गीत) - शाहाना परवीन

 

वर्षा गीत

(गीत)

घुमड़- घुमड़ कर बदरा आये,
मेरे घर- आँगन में छाए।
मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?

अब तो आ जाओ सजना,
बागों में पड़ गए झूले।
अँबुआ की डाल पर कोयल,
मतवाली होकर बोले।

मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?

सखियन से करूँ ना मै बात,
लागे ना मोरा जिया सजना आए याद।
बदरा भी अब तो घिर आए,
पवन मंद- मंद मुसकाएं।

मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?
-0-
पता -
शाहाना परवीन
मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
-०-


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