राजा बेटा
(लघुकथा)
ठंडीके दिन, शिमला की सर्दी चारोतरफ सफेद बर्फ हल्कीसी चादर बिछी थी । आज स्कुलका आखरी दिन था। कलसे क्रीस्मसकी छुट्टीयाँ शुरु होनेवाली थी ।शामके समय टिंकुका आखरी पिरियड खत्म होनेके बाद स्कुल छुटनेकी घंटी बजी । सब बच्चे घर जानेकेलिये स्कूलके गेटके सामने आ गये । कुछ बच्चे स्कूलकी बसमें अपने–अपने घर चले गये । टिंकूका रोजका रिक्शावाला बीमार होनेकी वजह उसे लेने नहीं आ पाया । माता-पिता दोनों नोकरीके कारण उसे लेने नहीं आ पाये । घरमें उसकी बूढी दादी माँ थी पर वो उसे लेने नहीं आ पाई क्योंकि उसकी नजर कमजोर हो गई थी । टिंकू रिक्क्षा रोकनेकी कोशिशमें था । मगर किसीने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया । कई ऑटोरिक्क्षावाले ऑटो खाली होनेके बावजूद भी बिना रुके चले गए। शायद यह सोचकर कि छोटा बच्चा है उसकेपास भाडा देनेकेलिए पैसे नहीं हुए तो और उसकी माँ ने पैसे देनेसे इंकार कर दिया तो उनको नुकासान होगा । एक तो ठंडीका मौसम उपरसे साँय साँय करती ठंडी हवाये चल रही थी स्वेटर पहननेके बावजूदभी ठंडसे कपकपी सी हो रही थी । टिंकु परेशानसा हो गया था । पर वहीं खडा वो ऑटोका इंतजार कर रहा था ।
अचानक एक ऑटोरिक्षा उसके सामने आकर रुकी उसने देखा एक वृध्द ड्रायवर था । टिंकुने अपने घरका पता और इलाकेका नाम बताया वह राजी हो गया। वह ऑटोमें बैठ गया। उसे बहुत राहत महसूस हुई। ऐसा लगा जेसे संताक्लॉज ही रिक्षावाला ड्राईवरके भेसमें उसकी मदत करने आया हो । उसने ऑटोका मीटर देखा तो मीटर 1रुपया बता रहा था । ऑटोरिक्षा चल पडी । टिंकु हैरान था कि कल ही वह अपनी मम्मीके साथ गया था तो सात रुपया था और आज एक रुपया । ऐसे कैसे हुआ? । घर के सामने रिक्षा रुकनेपर उसने पूरे सात रुपये देकर निकल आया ।
वह घर आकर अपनी मम्मीके दफ्तरमें फोन किया और सारा किस्सा बताया । उसकी मम्मीने कहा - "नहीं बेटा,तूने ठीकसे देखा नहीं होगा ? सात रुपये ही होंगे " टिंकुने कहा "नहीं मम्मी मैंने ठीकसे देखा था एक रुपया ही दिखा रहा था । घर पहुँचने पर भी उसका मीटर एक रुपया ही दिखा रहा था । उसको मैनें पूछा तो उसने कहा -"रहने दो बेटा, तुम अभी छोटे हो " तो मैंने उससे कहा" नहीं, दादाजी आपका नुकसान होगा ।"और मैंने कलके हिसाबसे पूरे पैसे दिये। " टिंकुने कहा ।
टिंकु की मम्मीने खुश होकर कहा - " वाह! मेरा राजाबेटा, भले दिलवाला है । वो वृद्ध ड्राईवर तुम्हें बहुत दुआए देगा " कहकर उसने रिसीवर नीचे रख दिया ।
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श्रीमती रश्मि नायर
ठाणे (महाराष्ट्र)
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