चाचा नेहरू
(कविता)
14 नवंबर का दिन है आया,
चाचा नेहरू की यादें लाया,
बच्चों का यह दिवस प्यारा,
लाल गुलाबों की यादें लाया,
फूलों का कहलाता राजा,
चाचा नेहरू के मन अति भाया,
कांटों की सेज पर है खिलता,
फिर क्यों कर यह खूब महकता?
बच्चों कभी ना तुमने पूछा,
तुमसे हमसे यह है कहता-
‘कठिनाइयों से कभी न डरना,
संघर्षों की सरिता तरना,
जग में बनो सबसे न्यारा,
तुमको अपना देश बनाना,
चाचा के सपनों का भारत,
तुमको है साकार बनाना।’
-०-
14 नवंबर का दिन है आया,
चाचा नेहरू की यादें लाया,
बच्चों का यह दिवस प्यारा,
लाल गुलाबों की यादें लाया,
फूलों का कहलाता राजा,
चाचा नेहरू के मन अति भाया,
कांटों की सेज पर है खिलता,
फिर क्यों कर यह खूब महकता?
बच्चों कभी ना तुमने पूछा,
तुमसे हमसे यह है कहता-
‘कठिनाइयों से कभी न डरना,
संघर्षों की सरिता तरना,
जग में बनो सबसे न्यारा,
तुमको अपना देश बनाना,
चाचा के सपनों का भारत,
तुमको है साकार बनाना।’
-०-
प्रज्ञा गुप्ता
बाँसवाड़ा, (राज.)
Nice poem.
ReplyDeleteNice
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