मुर्गा बोला...
(बाल कविता)
अल सुबह मुर्गा बोला
उठिए मुन्ना राजा
आलस छोड़ मंजन कर लो
हो जाओ नहा कर ताजा
सुबह सुबह चिड़िया बोली
चूं चूं - चीं चीं - चीं चीं
सूरज के आते ही फिर
रात हो गई फीकी
सुबह सुबह हवा बोली
मुन्ना घूमने जाओ
शीतल मंद सुगंधित मुझसे
अपने रोग भगाओ
सुबह सुबह सूरज बोला
देखो मुन्ना आओ
मैं समय पर आ जाता
तुम स्कूल समय पर जाओ ।
अल सुबह मुर्गा बोला
उठिए मुन्ना राजा
आलस छोड़ मंजन कर लो
हो जाओ नहा कर ताजा
सुबह सुबह चिड़िया बोली
चूं चूं - चीं चीं - चीं चीं
सूरज के आते ही फिर
रात हो गई फीकी
सुबह सुबह हवा बोली
मुन्ना घूमने जाओ
शीतल मंद सुगंधित मुझसे
अपने रोग भगाओ
सुबह सुबह सूरज बोला
देखो मुन्ना आओ
मैं समय पर आ जाता
तुम स्कूल समय पर जाओ ।
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