*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Wednesday 18 December 2019

अशोक आनन के हाइकु (हाइकु) - अशोक 'आनन'


अशोक आनन के हाइकु
(हाइकु)
भींगी पलकें
कुलबुलाती आंतें
आम आदमी ।
*****
देख घटाएं 
थर - थर कांपते
घर माटी के ।
*****
नहीं चीन्हते
देहरी- दरवाजे 
बीच दीवारें ।

****
रात सर्दीली
हाथ - पांव रजाई 
घर स्वप्न 
*****
आंखें सावन
ये ज़माना है रेत
पेट सिगड़ी ।
*****
प्रयास व्यर्थ
बिखरना नियति
जीवन पारा ।
*****
नभ रजाई
फुटपाथ गुदड़ी
जीवन पौष ।
*****
नभ सितारे
नून , तेल , लकड़ी
ग़रीब बौने ।
*****
चुभें गले में
पीड़ा असहनीय
संबंध फांस ।
-०-
पता:
अशोक 'आनन'
शाजापुर (म.प्र.)

-०-




***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ