‘मुझे प्यार की ज़िन्दगी’
(ग़ज़ल)‘मुझे प्यार की ज़िन्दगी’चाहिए जी!
लिए प्यार का तोहफ़ा आइए जी!
कि मैं आप के राज़ को जानता हूँ
मिलेंगे जभी भाव ना खाइए जी!
कभी हुस्न तो ये उड़ेगी हवा में
वफ़ा से मिलाने वफ़ा लाइए जी!
मुझे आप अच्छी लगीं क्या करूँ मैं?
लबों को जरा खोल मुस्काइए जी!
अरे वाह! ऐसी गरूरी कहाँ की
नहीं बोलनी है चले जाइए जी!
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पता:
टेकनारायण रिमाल 'कौशिक'
यांगून(बर्मा)
-०-
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