*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Sunday, 19 January 2020

◆ लाल गुलाब◆ (लघुकथा) - अलका 'सोनी'

◆ लाल गुलाब◆
(लघुकथा)
किरण गुस्से में लाल हुए जा रही थी। उसके गमले में खिले लाल गुलाब गायब थे, वो बड़बड़ाये जा रही थी कि बस एक बार पता चल जाये कि किसने तोड़ा है फिर उसे अच्छे से सबक सिखाएगी । सुबह ही उसने देखा था कि किराएदार का छोटा लड़का वहीं गमले के पास खेल रहा था, जरूर उसी ने तोड़ा होगा। दनदनाते हुए वो अपने किराएदार के पास पंहुच गयी और गुस्साते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई। धमकी भी दे दी कि फिर ऐसी हरकत की तो घर छोड़कर जाना होगा। इतने कम किराये में दूसरा घर उन्हें कहीं नहीं मिलेगा। 
अब जाकर उसे थोड़ी शान्ति मिल रही थी। फिर उसे ध्यान आया कि संध्या-वंदन का समय हो गया है। घर जाकर आरती करनी चाहिए । तभी उसकी दादी ने बताया कि उन्होंने आज आरती कर ली है और आज खिले लाल गुलाब भी पूजा में चढ़ा दिया है। 
-०-
अलका 'सोनी'
बर्नपुर- मधुपुर (झारखंड)

-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

1 comment:

  1. रचना को प्रकाशित करने के लिए हार्दिक आभार.....💐💐

    ReplyDelete

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ