Saturday, 15 February 2020
सुबह-भ्रमण (बाल कविता) - मईनुदीन कोहरी 'नाचीज'
सुबह-भ्रमण
(बाल कविता)
सुबह भ्रमण को हम जाएं ।
ठंडी - ठंडी हवा में नहाएं ।।
वो देखो-देखो कौन आए ।
बन्दरों की फौज शोर मचाए।।
नाच रहे ठुमक-ठुमक मोर ।
भ्रमण-पथ पर ये दृश्य भाए।।
नन्हीं चिड़ियों के मधुर तराने ।
मैना-तीतर मिल सुर मिलाए ।।
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बहुत ही सुन्दर है बाल मनमोहक कविता! आप को बहुर बहुत बधाई है आदरणीय !
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