*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Wednesday, 26 February 2020

आँखें चार मुहब्बत (ग़ज़ल) - मृदुल कुमार सिंह

आँखें चार मुहब्बत
(ग़ज़ल)
दुनिया भर की रार मुहब्बत
करते फिर भी यार मुहब्बत।

लेला मजनू का किस्सा क्या
बिकती जब बाजार मुहब्बत।

सारी दुनिया एक तरफ है
ना माने पर हार मुहब्बत।

घर आँगन से खूब बगावत
करती हैं दिलदार मुहब्बत।

नींद उड़ गई चैन छिन गया
दिल में मारा मार मुहब्बत।

जाने कितने दिल टूटे हैं
करके पहली बार मुहब्बत ।

गाँव शहर हर चौराहे पर
करती आँखें चार मुहब्बत । -०-
पता:
मृदुल कुमार सिंह
अलीगढ़ (अलीगढ़) 

-०-


***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ