तुझमें समा जाऊँ
(कविता)
पता :कान्हा मैं तुझमें समा जाऊँ तेरे रंग में तेरे संग हो जाऊँ झूम झूमकर नाचू मैं तेरी मुरली के तान पर ताल से ताल मिला लूँ मैं तुझ संग होकर झूम लूँ मैं तेरे मुरली से निकले गीत एकपल मैं बन जाऊँ वसुधा से राधा बनकर मैं एकबार तुझमें समा जाऊँ।। कान्हा मैं तुझमें समा जाऊँ तेरे रंग में तेरे संग हो जाऊँ निल गगन तले तेरी राह में पुष्प से राहें तेरी सजा़ दूँ तेरे पग से पग मिलाकर मैं तेरे संग चलती रहूँ जहाँ भी तू मुझे ले जायें तेरी बाँह धरकर मैं चलती रहूँ ना छूटे तेरा साथ मेरे राधेय तुझमें समाकर तुझ चलती रहूँ।-०-
डा. वसुधा पु. कामत (गिंडे)
बेलगाव (कर्नाटक)
बेलगाव (कर्नाटक)
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