राजा का ऐलान
(बाल कविता)
जंगल के राजा ने कर दिया
एक बड़ा ऐलान
शहर ना जाएगा अब कोई
तभी बचेगी जान ।
कचरा गलियों में फैला है
पेड़ ना कोई वहाँ बचा है
ऑक्सीजन की मारामारी
फैल रही लाखों बीमारी ।
आँखों में चश्मा पहना है
मुँह में सबके मास्क लगा है
तरह-तरह की हैं महामारी
जिससे मर रही जनता सारी ।
जंगल हमें बचाना है
मानव के पास ना जाना है
यदि वहाँ तुम जाओगे
अपनी जान गँवाओगे ।
सबने मिलकर ठानी है
राजा की बात भी मानी है
शहर ना जाएगा अब कोई
सबको जान बचानी है ।
-०-
एक बड़ा ऐलान
शहर ना जाएगा अब कोई
तभी बचेगी जान ।
कचरा गलियों में फैला है
पेड़ ना कोई वहाँ बचा है
ऑक्सीजन की मारामारी
फैल रही लाखों बीमारी ।
आँखों में चश्मा पहना है
मुँह में सबके मास्क लगा है
तरह-तरह की हैं महामारी
जिससे मर रही जनता सारी ।
जंगल हमें बचाना है
मानव के पास ना जाना है
यदि वहाँ तुम जाओगे
अपनी जान गँवाओगे ।
सबने मिलकर ठानी है
राजा की बात भी मानी है
शहर ना जाएगा अब कोई
सबको जान बचानी है ।
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पता:
श्रीमती सुशीला शर्मा
जयपुर (राजस्थान)
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