जीवन भी क्या कम है
(ग़ज़ल)
जीवन भी क्या कम है यारो
फिर कैसा ये गम है यारो|
जंग हुयी तो कोन बचेगा
हाथ सभी के बम है यारो|
खेल समय का है सब वरना
कोन किसी से कम है यारो|
पास नहीं है फूटी कौड़ी
बातों में पर दम है यारो|
सूरज बस्ती में निकलेगा
चार पहर का तम है यारोंं|
चांद सितारे दूर नहीं है
साथ चलें गर हम है यारो|
होठों पर मुस्कान "मृदुल"है
लेकिन आँखे नम है यारो|-०-
पता:
मृदुल कुमार सिंह
(ग़ज़ल)
जीवन भी क्या कम है यारो
फिर कैसा ये गम है यारो|
जंग हुयी तो कोन बचेगा
हाथ सभी के बम है यारो|
खेल समय का है सब वरना
कोन किसी से कम है यारो|
पास नहीं है फूटी कौड़ी
बातों में पर दम है यारो|
सूरज बस्ती में निकलेगा
चार पहर का तम है यारोंं|
चांद सितारे दूर नहीं है
साथ चलें गर हम है यारो|
होठों पर मुस्कान "मृदुल"है
लेकिन आँखे नम है यारो|-०-
पता:
मृदुल कुमार सिंह
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