हम भारतवाशी तैयार है
(कविता)
कैसी यह विपदा आयी है
दुनिया कोरोना से घबराई है
दूजों के लिए नहीं पर
सबने खुद के लिए दूरी बनाई है
कतराना, नामिलना ना हाथमिलाना
सबने दुनिया से प्यार से दूरी बढ़ाई है
हां आपस में लड़ने वालों ने
पर मानवता अपनायी है
कैसी यह विपदा आयी है
दुनिया कोरोना से घबराई है
दूजों के लिए नहीं पर
सबने खुद के लिए दूरी बनाई है
कतराना, नामिलना ना हाथमिलाना
सबने दुनिया से प्यार से दूरी बढ़ाई है
हां आपस में लड़ने वालों ने
पर मानवता अपनायी है
आज सूनी है रहे, सड़कें
आँखों में भय सी छायी है
मन ही मन डर डर के सोचे
यह नरभकक्षी महामारी क्यों आयी है
ना इलाज ना कोई दवा है
रस्ता एक मात्र है सफाई
खुद को करना घर में बंद है
करो खुद को लॉक आउटयही समझायी
हाथ धुला, सेनेटाइजर लगा है
ना हाथ मिलाये नियम ने जान है बचायी
पर रात के बाद सबेरा है
व दुःख के बाद ख़ुशी के पल है आयी
पूरा भारत तैयार एक साथ खड़ा हो
दुश्मन कोरोना की दवा बना है
बात अपने नेता के माना वो
14 अप्रेल तक घर जमे रहने की ठाना है
आँखों में भय सी छायी है
मन ही मन डर डर के सोचे
यह नरभकक्षी महामारी क्यों आयी है
ना इलाज ना कोई दवा है
रस्ता एक मात्र है सफाई
खुद को करना घर में बंद है
करो खुद को लॉक आउटयही समझायी
हाथ धुला, सेनेटाइजर लगा है
ना हाथ मिलाये नियम ने जान है बचायी
पर रात के बाद सबेरा है
व दुःख के बाद ख़ुशी के पल है आयी
पूरा भारत तैयार एक साथ खड़ा हो
दुश्मन कोरोना की दवा बना है
बात अपने नेता के माना वो
14 अप्रेल तक घर जमे रहने की ठाना है
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पता:
श्रीमती राखी सिंहमुंबई (महाराष्ट्र)
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