*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday, 11 May 2020

हाय रे मोटापा ! (हास्य दोहे) - रीना गोयल

हाय रे मोटापा !
(हास्य दोहे)
मोटापे से हो रही , भारी भरकम देह।
विरला ही कोई मुझे, अब करता है स्नेह।।१।।

लापरवाही थी करी, खूब किया नित भोज।
पर गरिष्ठ आहार की ,आँखें करती खोज।।२।।

चर्बी घटती ही नहीं, बनी हुई हूँ ढोल ।
सुंदर तन इतिहास का, बदल गया भूगोल।।३।।

दर्पण में देखूं अगर , उठती मन में पीर।
कुछ ही दिन में हाय रे! हथिनी बना शरीर।।४।।

लेकिन यदि कोई कहे, मोटी मुझको आज।
जीभ काटकर फेंक दूँ , यह मेरा अंदाज़।।५।।
-०-
पता:
रीना गोयल
सरस्वती नगर (हरियाणा)

-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ