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Wednesday, 7 October 2020

📖✍️ किताबें ✍️📖(कविता )- डॉ . भावना नानजीभाई सावलिया

 

📖✍️ किताबें ✍️📖
(कविता )
हाँ हम किताबें हैं ......
युगों युगों के इतिहास समाज की
       भावनाएँ  संचित रखती हैं ,
जन जन के व्यक्तित्व को
       जीवन मूल्यों से सींचित करती हैं ।
मोह , माया , अहंकार में भटके
       अंधियारे की हम दीपशिखा हैं ,
सृष्टि के जीव मात्र को
        सँवरने की उत्तम जीवन रेखा है ।
  युग युग के मनुष्य भावों के
          दस्तावेज के रक्षक हैं ,
व्यक्ति, समाज के अभिनीत के
           रंगमंच के शिक्षक हैं ।
ऋषि - मुनियों के चिन्तनों की
          अमूल्य संपत्ति का भण्डार हैं ,
वेद, पुराण, महाभारत, रामायण
          उदात्त जीवन के रत्नाकर हैं ।
त्रिभुवन में सावित्री का सत्
           और श्याम की गीता हैं ,
विश्व में पार्वती का तप
            और राम की सीता हैं ।
वेदव्यास, वाल्मीकि, तुलसी
            बुद्ध, गांधी की धरोहर हैं ,
तुलसी, सुर, कबीर, जायसी और
            मीरा की सहोदर हैं ।
साधु-संतों की मंगल वाणी का
            हम किताबें सुर-मंदिर हैं ,
वीरों,शहीदों के त्याग ,समर्पण ,
             शौर्यता के उर-मंदिर हैं ।
मानव उर्मि और चेतना के
            अनंत ज्योति के पुँज हैं ,
आत्मोत्सर्ग के विश्ववाणी के
          गीता सी अमर गूँज हैं ।
उत्तम ,शिक्षा, धर्म, कर्म के
              नेक रास्ते की पाठशाला है ,
श्रेष्ठ जीवन मूल्यों के
               निर्माण की कार्यशाला है ।
किसान, मजदूर, पीडितों ,
                शोषितों की करुण वेदना है ,
दीन-दुखी, धृणित ,अन्यायी की
                 कोमल प्रेम संवेदना है ।
एक एक ध्वनि में प्राण और
             प्रत्येक शब्द में भाव सुंदर हैं,
एक एक वाक्य में रस और
              परिच्छेद में माधुर्य बरकरार है ।।
हाँ हम किताबें हैं...
-०-
पता:
डॉ . भावना नानजीभाई सावलिया
सौराष्ट्र (गुजरात)

-०-

***
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