(कविता)
क्या है "हकीकत"?
जी हाँ इसे वास्तविकता भी कहते हैं
सच्चाई.....का दूसरा नाम
यदि इस शब्द क बारे म़े जाने तो
बहुत सारे भेद छिपे हैं इसमें।
पर उनकी तह तक पहुँच पाना
मुश्किल ही नहीं , नामुमकिन भी है।
चलिए जानते है जीवन की हकीकत,
क्या है जीवन ?
कोई नहीं जानता कि जीवन की हकीकत क्या है?
किसी से पूछो यही उत्तर होगा 'जो हम जी रहे हैं' वही जीवन हैं।
पर क्या इसकी यही हकीकत है?
दूसरा प्रश्न व्यक्ति का अस्तित्व क्या है?
इस हकीकत से भी आज तक इंसान अंजान है
व्यक्ति और अस्तित्व,
दोनों ही की हकीकत का,
किसी को भी सही - सही ज्ञान नहीं है।
हकीकत है तो केवल "जन्म और मृत्यु",
जो शाश्वत सत्य है।
इन दोनो को कोई झुठला नहीं सकता।
जन्म और मृत्यु के विषय में व्यक्ति
यह भी नहीं कह सकता कि
वह कुछ नहीं जानता।
क्योकिं उसने जन्म लिया है और अपने सामने मरते हुए लोगों को भी देखा है।
हकीकत केवल जन्म और मृत्यु है ,
बाकी सब अंधकार में लिप्त परछाइयां हैं जो चाह कर भी नहीं दिखती।।
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शाहाना परवीन
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