जीवन एक उत्सव है
(कविता)
जीवन को उत्सव सदृश मनाएं,
सच राह पर हम चलते जाएं।
उमंग और उल्लास हो मन में,
जीवन में हम नित ख़ुशियाँ पाएं।।
विषाद और रोष को तजकर,
उत्सव जैसा प्रेम दिखाएं।
भाई चारा को दें सदैव महत्व,
सद्कर्मों को हम करते जाएं।।
सत्य के नव प्रतिमान गढ़े,
पर्वत जैसे रास्ते पर चढ़े।
ख़ुद नव पथ का निर्माण करें,
विफलता को न दूजे पर मढ़े।।
उत्सव सा जीवन में हो रौनक,
ग़म को हम भुलाना सीखें।
भूत से सीख वर्तमान सवांरे,
जीवन में नया इतिहास लिखें।।
परिश्रम में हम सफलता पाएं,
उत्सव जैसा माहौल बनाएं।
जीवन में खिले हो इंद्रधनुष,
विविध रंग से जीवन महकाएं।।
हम जीवन से बस! प्रेम करें,
अपने त्रुटियों पर मनन करें।
अपनों में बाँटे ख़ुशियों को,
जीवन में उत्सव का रंग भरें।।
-०-सच राह पर हम चलते जाएं।
उमंग और उल्लास हो मन में,
जीवन में हम नित ख़ुशियाँ पाएं।।
विषाद और रोष को तजकर,
उत्सव जैसा प्रेम दिखाएं।
भाई चारा को दें सदैव महत्व,
सद्कर्मों को हम करते जाएं।।
सत्य के नव प्रतिमान गढ़े,
पर्वत जैसे रास्ते पर चढ़े।
ख़ुद नव पथ का निर्माण करें,
विफलता को न दूजे पर मढ़े।।
उत्सव सा जीवन में हो रौनक,
ग़म को हम भुलाना सीखें।
भूत से सीख वर्तमान सवांरे,
जीवन में नया इतिहास लिखें।।
परिश्रम में हम सफलता पाएं,
उत्सव जैसा माहौल बनाएं।
जीवन में खिले हो इंद्रधनुष,
विविध रंग से जीवन महकाएं।।
हम जीवन से बस! प्रेम करें,
अपने त्रुटियों पर मनन करें।
अपनों में बाँटे ख़ुशियों को,
जीवन में उत्सव का रंग भरें।।
लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
स्थायी पता--ग्राम-कैतहा,पोस्ट-भवानीपुर, जिला-बस्ती 272124 (उत्तर प्रदेश)
बेहतरीन सीखपरक कविता आदरणीय
ReplyDeleteसादर आभार
Deleteसार्थक प्रयास
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत और जिंदगी में उत्साह भरती हुई रचना
ReplyDeleteअमलेन्दु शुक्ल
good and nice poem
ReplyDeleteBahut sundar kavita
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसामाजिक चेतना को प्रस्तुत कर रही कविता के लिए हार्दिक बधाई
ReplyDeleteडॉ राजेश्वर बुंदेले