बच्चो!पटाखे फोड़ने और चलाते समय सावधानी रखें
(आलेख)
बच्चो!दीपावली का त्यौहार नजदीक है और आप सभी इस त्यौहार पर खूब पटाखे फोड़ने के लिये बैचेन होगे और अपने मम्मी-पापा से पटाखे दिलाने का वायदा ले रहे होंगे।
बच्चो! वैसे तो मैं पटाखे फोड़ने को केवल और केवल रुपयों की बरबादी ही मानता हूं ,पर मैं जानता हूं और मानता हूं बच्चे मेरी क्या अपने पालकों की भी इस राय से सहमत नहीं होंगे।
इसीलिये मैं पटाखे फोड़ने या चलाते समय रखने वाली सावधानियों को लेकर सचेत तो करना ही चाहूंगा।
1.बच्चो! पटाखे फोड़ते समय सबसे पहले आप अपने कपड़ों पर जरूर ध्यान देना। ज्यादा ढीले या ज्यादा चुस्त और सिन्थेटिक रेशे वाले कपड़े पहनकर पटाखे नहीं फोड़ना।
2.पटाखे कभी भी हाथ में रखकर ही जलाने का प्रयास नहीं करना।
3.पटाखे में आग लगाने के बाद यदि उसमें आग पकड़ने में देरी हो रही हो तो उसे फिर से जलाने के लिये बहुत सोच-विचारकर ही नजदीक जाना। कई बार ऐसा संयोग बनता है कि हम समझते हैं कि फटाके में आग नहीं पकड़ी है और हम देखने चले जाते हैं,जबकि वह धीरे-धीरे आग पकड़ रहा होता है और ऐसा संयोग बनता है कि हम नजदीक गये या उसे जरा भी छुआ और वह फट जाता है।जिससे हमारे साथ कुछ भी अनहोनी सकती है।
4.कुछ पटाखे ऐसे होते हैं जो जलने के बाद एक सीध में,सीधे भागते हैं।ऐसे पटाखों का मुंह इस प्रकार का रखें कि वह किसी के घर,भीड़ की ओर ना हो।बेहतर होगा कि उसका मुँह आसमान की तरफ हो,उस दिशा में भी इस बात का ध्यान रखें,कि उसकी दिशा में बिजली का तार ना पड़े।
5.पटाखे फोड़ते या चलाते समय छोटे बच्चों को दूर रखें।
6.पटाखे में आग लगाने के बाद दौड़ने के लिये खाली रास्ता बना कर जगह और दिशा को तय कर लें ।
7. घर में जहां सामान रखा है,घर के अन्य सदस्य या अन्य दर्शक खड़े हैं ऐसी जगह छोड़कर पटाखे फोड़ें या चलावें।
8.अच्छा और उचित रहेगा कि घर के किसी बड़े-बुजुर्ग की उपस्थिति में,उनके मार्गदर्शन में
आप पटाखे फोड़ें या चलावें।
9. देर रात को या देर रात तक पटाखें ना चलावें।
10.खतरनाक, ज्यादा तेज आवाज करने वाले, इधर-उधर भागने वाले पटाखें हरगिज ना फोड़ें।
11. किसी के साथ वैमनस्यता या मजाक में उसके नजदीक पटाखें ना फोड़ें।
12. पटाखें फोड़ते या चलाते समय बचाव के साधनों की व्यवस्था का भी ध्यान जैसे बड़े बरतन में रेत,पानी,कंबल आदि की व्यवस्था रखा जावे तो उचित रहेगा और समझदारी होगी।
13. सजग और सावधानी रखते हुये पटाखे फोड़ें।
14.अति उत्साह ,जल्दबाजी या पटाखे की शैली की जानकारी लिये बिना पटाखे न फोड़ें।
15.एक बार में एक ही सदस्य एक ही पटाखे फोड़े या चलावे।
16.पटाखे फोड़ने की फोटो या सेल्फी लेने का शौक,शेखी या जिद ना करें।
17. आप जहां पटाखे फोड़ या चला रहे हों,उसी के पास में घर का कोई अन्य सदस्य कोई दूसरा कार्य कर रहा हो जैसे कोई महिला सदस्य बहन,भानजी, भतीजी रंगोली बना रही हो,दीये सजा रही हो तो वह कार्य पूरा कर लेने दे,तभी पटाखे फोड़ें।
इसीलिये मेरा मानना है पटाखे फोड़ना या चलाना सरल और सहज भले ही लगे,जरा सी असावधानी या भूल के घातक परिणाम हो सकते हैं और त्यौहार का पूरा मजा बिगड़ सकता है।
आशा है,इन बातों के अलावा भी कोई और बातें या सावधानियां बताने से रह गयीं हों,उन सब को ध्यान में रखते हुये त्यौहार का आनंद लेंगे।
शुभ दीपावली।
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बहुत ही सुंदर और अनुकरणीय लेख
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