टूट गया उम्मीदों का दामन
(कविता)
प्यार झूठा,
मोहब्बत भी झूठी।
अब किसी पर,
भरोसा क्या करना।
प्यार मरता नहीं
प्यार कभी झुकता नहीं।
हम तो बस,
यही कहेंगे।
प्यार है,
प्यार था,
और प्यार रहेगा।
साथ क्यों नहीं देते,
प्यार में लोग।
यह सोचकर,
घबराता है दिल मेरा।
वफा में कब तक,
हम आंसू पिएंगे।
तेरे विरह में,
अब तक जिंदा हूं।
तुमसे दिल लगाने की
हमने क्या,
खूब सजा पाई हैं।
प्यार झूठा,
मोहब्बत भी झूठी।
अब किसी पर,
भरोसा क्या करना।
-०-
अब किसी पर,
भरोसा क्या करना।
प्यार मरता नहीं
प्यार कभी झुकता नहीं।
हम तो बस,
यही कहेंगे।
प्यार है,
प्यार था,
और प्यार रहेगा।
साथ क्यों नहीं देते,
प्यार में लोग।
यह सोचकर,
घबराता है दिल मेरा।
वफा में कब तक,
हम आंसू पिएंगे।
तेरे विरह में,
अब तक जिंदा हूं।
तुमसे दिल लगाने की
हमने क्या,
खूब सजा पाई हैं।
प्यार झूठा,
मोहब्बत भी झूठी।
अब किसी पर,
भरोसा क्या करना।
-०-
संजय कुमार सुमन
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