इल्म रखना
(हाइकु गीत)ढ़लता रवि
साँझ का पल्लू लिये
तुमसे मिली
करवट ली
और तुम आ गए
जिंदगानी में
बेहतरीन
लम्हों का करवाँ ले
वक्त आ गया
सूनेपन को
कैद करवा दिया
कारागार में
थिरक उठी
रुकी जिंदगी मेरी
लेते बलैयाँ
बीज बो दिए
बंजर जमीं पर
इसरार के
कारनामे जो
तुमने दिखलाए
जज्बातों भरे
जी उठी पुन:
और पड़ गई मैं
तेरे प्यार में
रास्ते दूर थे
मंजिलों का भी न था
कोई ठिकाना
तुमको माना
खुदा हमने अब
इल्म रखना
इल्तजा मेरी
बस वफा निभाना
दूर ना जाना !!
-०-
अनिला राखेचा
कूचबिहार (पश्चिम बंगाल)
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