समय नही है
(व्यंग्य कविता)
कोशिश सबकी जारी है
कैसी मारा मारी है।
वोट माँगने ऐसे आते
जैसे कोई उधारी है।
पूरी ताकत उनके हिस्से
अपनी तो लाचारी है।
बातें हैं कुछ बहकी सी
उतरी नही खुमारी है।
बात बात में 'समय नही है'
फिर कहते बेकारी है।
देश की चिन्ता किसको है?
किसकी जिम्मेदारी है ?
अमित सुनो ये बात तुम्हारी
सब बातों पर भारी है।
कोशिश सबकी जारी है
कैसी मारा मारी है।
वोट माँगने ऐसे आते
जैसे कोई उधारी है।
पूरी ताकत उनके हिस्से
अपनी तो लाचारी है।
बातें हैं कुछ बहकी सी
उतरी नही खुमारी है।
बात बात में 'समय नही है'
फिर कहते बेकारी है।
देश की चिन्ता किसको है?
किसकी जिम्मेदारी है ?
अमित सुनो ये बात तुम्हारी
सब बातों पर भारी है।
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