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Sunday, 24 November 2019

हम भारत के पहरेदार (कविता) - पासी राकेश दुलारा

हम भारत के पहरेदार
(कविता)
नींद नहीं हमको आती है, हर पल रहते हैं तैयार
मातृभूमि है शान हमारी ,हम भारत के पहरेदार

गद्दारो से सावधान आतंकी हमसे डरते है
जो है गिरगिट बहुरूपिये,संहार हम उनका करते है
हलख से उनके प्राण निकालू पानी मागे सौ सौ बार
मातृभूमि है...

है उद्देश्य रक्षा करना ,हम कर्तव्य निभाते है
राजनीती का खेल है गन्दा,हमें नहीं ये भाते है
सबक सिखाते सीमा पर छोड़ घर और परिवार
मातृभूमि है...

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर सारे रहते हैं
बच्चे बच्चे का नारा , गर्व संविधान पे करते हैं
अमर हुए जो दे कुर्बानी, नमन उन्हें है बारम्बार
मातृभूमि है...

नींद नहीं हमको आती है, हर पल रहते हैं तैयार
मातृभूमि है शान हमारी ,हम भारत के पहरेदार
-०-
पता-
पासी राकेश दुलारा
मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
-०-

***
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1 comment:

  1. देशभक्ति से ओत प्रोत बहुत सुन्दर गीत

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