कहानी चल रही है
(ग़ज़ल)
हवा कैसी सुहानी चल रही है ।।कोई से पानी पानी चल रही है ।।
नए मज़मून बोता जा रहा हू ।
अभी खेती किसानी चल रही है ।।
नया कुछ भी नही है पास उनके।
वही गिबत पूरानी चल रही ।।
हमारे पास तो कुछ भी नही है ।
मगर पूंजी जुबानी चल रही है।
हमारा जिक्र सबके बाद होगा ।
बहुत लम्बी कहानी चल रही है ।।
मुझे दुश्मन मिटाना पा रहा है।
खूदा की मेहरबानी चल रही।।
-०-
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