*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Thursday, 19 December 2019

गूंगी आवाज (कविता) - मुकेश कुमार 'ऋषि वर्मा'


गूंगी आवाज
(कविता)
आज भी दबाई और कुचली जा रही है
उनकी आवाज
जो जी रहे हैं हाशिए पर
उनकी गरीबी
घटने के वजाय बढती ही जा रही है |
जुल्म-सितम अभी खत्म नहीं हुए
घाव पूरी तरह से अभी भरे नहीं और
मरहम की जगह नमक छिड़का जा रहा है |
उनकी सिसकियां अभी खत्म नहीं हुई
उनकी आवाज नहीं निकलती
क्योंकि बड़ी क्रूरता के साथ सदियों से
आज तक दबाई गई है
उनकी आवाज !
इसीलिए तो गूंगी आवाज
बनकर रह गई है
उनकी आवाज |
-०-
मुकेश कुमार 'ऋषि वर्मा'
फतेहाबाद-आगरा. 
-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ