स्वागत है नववर्ष!!
(कविता)
घड़ी नववर्ष की आई है
चहुंओर खुशियाँ छाई हैं!
गई सदी फिर यादें छोड़कर
नई सदी अब घर आई है!!
अनगिन स्मृति हैं दामन में
नई सदी नवगठरी लाई है!
शुभ संदेश और ढ़ेर बधाई
दी हमने और पाई है!!
बीते दिन गिनते-गिनते यूँ
तारीख एक फिर आई है!
ख्वाब सजे कुछ स्वप्न-से जागे
पूरा करने की घड़ी आई है!!
रहे चेतना और स्फूर्ति
सीख सदा यह पाई है!
नया लिखेंगे बढ़ते रहेंगे
शपथ आज फिर खाई है!!
-०-
पता:
चहुंओर खुशियाँ छाई हैं!
गई सदी फिर यादें छोड़कर
नई सदी अब घर आई है!!
अनगिन स्मृति हैं दामन में
नई सदी नवगठरी लाई है!
शुभ संदेश और ढ़ेर बधाई
दी हमने और पाई है!!
बीते दिन गिनते-गिनते यूँ
तारीख एक फिर आई है!
ख्वाब सजे कुछ स्वप्न-से जागे
पूरा करने की घड़ी आई है!!
रहे चेतना और स्फूर्ति
सीख सदा यह पाई है!
नया लिखेंगे बढ़ते रहेंगे
शपथ आज फिर खाई है!!
-०-
पता:
कल्पना गोयल 'मनु'
जयपुर (राजस्थान)
-०-
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