सूरज की पहली किरण
(कविता)
सूरज की पहली किरण
मिटाती है रात का अंधकार
करती है धरा पर
प्रकाश का विस्तार
सभी प्राणियों में नई ऊर्जा
नए स्फूर्ति का करती है नव संचार
पनपती है नित नई आस
जीवन के प्रति दृढ़ होता है
एक नया विश्वास।
सूरज की पहली किरण
कितना कुछ बदल देती है
हमारे जीवन के भी
तिमिर को भी हर लेती है
अतीत में हुई गलतियों से
हम सबक सीखते हैं
उस पर करते हैं चिंतन मनन
फिर सफ़ल हो जीतते हैं
हम में हो जाता है कितना उत्साह
और ख़ुशी से हम जीवन जीते हैं
सूरज की पहली किरण की तरह
औरों के जीवन में
हम भी प्रकाश भरते हैं।
मिटाती है रात का अंधकार
करती है धरा पर
प्रकाश का विस्तार
सभी प्राणियों में नई ऊर्जा
नए स्फूर्ति का करती है नव संचार
पनपती है नित नई आस
जीवन के प्रति दृढ़ होता है
एक नया विश्वास।
सूरज की पहली किरण
कितना कुछ बदल देती है
हमारे जीवन के भी
तिमिर को भी हर लेती है
अतीत में हुई गलतियों से
हम सबक सीखते हैं
उस पर करते हैं चिंतन मनन
फिर सफ़ल हो जीतते हैं
हम में हो जाता है कितना उत्साह
और ख़ुशी से हम जीवन जीते हैं
सूरज की पहली किरण की तरह
औरों के जीवन में
हम भी प्रकाश भरते हैं।
-०-
लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
-०-
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