*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday 17 February 2020

ताक धिना धिन (कविता) - डॉ. सुधा गुप्ता 'अमृत'


ताक धिना धिन
(कविता)
 'वन्यजीवन पर कविता- मस्त हुआ वनवासी जीवन' 

बरगद , पीपल , आम , नीम
बट , हरे बांस, महुआ
झूम रही तरु लिपटी बेलें
झूम रहा कहवा
वनखण्डों में ढूंढो दुर्दिन !
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन..........

सींग , पंख की पगड़ी सिर पर
पग में घुंघरू , गले में ढोल
मस्ती भरा थिरकता जीवन
गूंज रहे झांझर के बोल
अपनी रातें अपने हैं दिन
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन..........

पाल रखे हैं मुर्गे तीतर
सोते पत्ते गुदड़ी सींकर
फूंक रहे हैं आग प्रेम की
महुआ की मदिरा पीकर
नहीं देखते सपने अनगिन
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन..........

हम पाखी उन्मुक्त गगन के
नहीं चाहिये कोई बंधन
हरे भरे जंगल वन - प्राणी
से ही है अपना जीवन
मगन रहें मस्ती में पल छिन
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन..........

जंगल की है रीत अनोखी
प्रीत अनोखी जंगल की
हरीतिमा के बीच सोई है
पीत अनोखी जंगल की
महके महुआ बहके यौवन
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन..........

घुमड़ - घुमड़ घन उठी घटायें
बरसी जंगल घाटी में
अल्हड़ वन कन्या झूमी
पावस की उन्मादी में
नहीं चाहिये हमको आरक्षण
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन..........
बासंती मौसम हो या फिर
होली ईद दिवाली हो
नहीं देखते अपनी जेबें
कभी भरी या खाली हो
बल खाये शरमाये नागिन
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन .... ........
मंदिर मस्जिद और शिवाला
सब जंगल के भीतर हैं
गंध सुगंध टपकते महुआ
यही फिल्म कम्प्यूटर है
भरे चौकड़ी मन
ताक धिना धिन नाच रहा मन
ताक धिना धिन..........
-०-
डॉ. सुधा गुप्ता 'अमृता'
(राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित)
दुबे कालोनी , कटनी 483501 (म. प्र.)
-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ