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Saturday, 18 April 2020

प्रकृति कुछ कहती है (कविता) - शाहाना परवीन


प्रकृति कुछ कहती है
(कविता)
हरे - भरे वृक्षों से आवाज़ यह आती है,
हम में भी है जीवन याद यह दिलाती है।
चिड़िया चहकती बागों मे मीठा गीत सुनाती हैं,
पेड़ो पर रहती ये सब सुंदर सुर मिलाती हैं।
प्रकृति है बहुत अनमोल हम को यह बताती है,
इसकी रक्षा हमे ही करनी सीख हमे दे जाती है।
हरे - भरे वृक्षों से आवाज़ यह आती है,
हम में भी है जीवन याद यह दिलाती है।
उगता सूरज हम सबको आगे बढ़ने की प्रेरणा देता,
कठिनाइयों से ना घबराना तुम आगे ही बढ़ते रहना,
जीवन है चलने का नाम सुबह शाम चलते रहो,
हार के बाद मिलेगी जीत कहावत चरितार्थ हो जाती है।
हरे - भरे वृक्षों से आवाज़ यह आती है,
हम में भी है जीवन याद यह दिलाती है।।
पता -
शाहाना परवीन
मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
-०-

***
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