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Thursday 2 April 2020

मखमली अहसास (ग़ज़ल) - अलका मित्तल

मखमली अहसास 
(ग़ज़ल)
मखमली अहसास दिल में बसाकर रखना,
ख़्वाब आँखों में रोज़ इक सजाकर रखना।

यकीनन रात के बाद सुबह होगी ये तय है,
बदलेगा वक्त उम्मीद दिल में जगाकर रखना।

कितनी दूर तलक जाना है अब ये तुम जानो,
लौटकर आने का रास्ता भी बनाकर रखना।

बदल दिया है उसूलों को अपनो की खातिर,
वाजिब होगा आँखों के पर्दे गिराकर रखना।

भरोसा कितना है तुम्हें खुदपर ये तो तुम जानो,
ज़रूरी ये है सामने वाले पर भी नज़र रखना।

गुज़र जाती है ताउम्र इक उम्मीद के सहारे,
होगी शबे-विसाल साँसों को मुंतज़िर रखना।-०-
पता:
अलका मित्तल
मीरत (उत्तरप्रदेश)

-०-

***
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1 comment:

  1. बहुत बहुत बधाई है आदरणीय ! सुन्दर गजल के लिये।

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