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Wednesday, 6 May 2020

दिल के अल्फ़ाज़ (कविता) - दीपिका कटरे

दिल के अल्फ़ाज़
(कविता)
मेरी हर सुबह मैं वो हैं,
मेरी हर श्याम मैं वो हैं,
तुम्हें कैसें बताऊँ मैं,
मेरी हर रात मैं वो हैं।

मेरे दिल की हैं धड़कन वो ,
मेरे साँसों की तड़पन वो,
तुम्हें कैसें दिखाऊँ मैं,
मेरे चेहरे का दर्पण वो।

मेरे ख़्वाबों का राजा वो,
मेरे मन का नवाँजा वो,
तुम्हें कैसें बताऊँ मैं,
मेरे मंदिर का ख़्वाजा वो,

मेरे होठों की लाली वो,
मेरे कानों की बाली वो,
तुम्हें कैसें दिखाऊँ मैं,
मेरे बगियाँ का माली वो।

मेरे आँखो का पानी वो,
मेरी बहकी जवानी वो,
तुम्हें कैसें बताऊँ मैं,
मेरे दिल की कहानी वो।
-०-
पता:
दीपिका कटरे 
पुणे (महाराष्ट्र)

-०-

***
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