रोजगार
(कविता )
मेरा रोजगार है विभिन्न भावों का ।
जो हरते हैं जीवन के अभावों को ।।
नहीं है इसमें किसी भी प्रकार का सौदा !
बस पनपते हैं सिर्फ अपनेपन का पौधा !!
यहां पर प्रेम का बाजार नहीं लगता !
इसे नहीं दामों से खरीदा जा सकता !!
नहीं उसे नापा तोला जा सकता है !
इसे तो सिर्फ दिल से पाया जाता है ।
पूरे विनय , विवेक और आदर्श से
प्रेम भरते हैं हृदय में रंगीन भावों से ।
विभिन्न खट्टे मीठे रसों का भी रोजगार है ।
निस्वार्थ स्नेह से मधुरापान का कारोबार है ।
सभी धर्म जाति को पीने का अधिकार है ।
यहां धोखा, ईर्ष्या, द्वेष भाव को धिक्कार है ।।
एक बार आकर देखो और मेहसूस कीजिए।
कोई शुल्क नहीं है सिर्फ सिर झुका के लीजिए ।।
खिल जायेगा सारा जीवन ।
महक जायेगा सारे आलम का दामन ।।
मेरा रोजगार है विभिन्न भावों का।
जो हरते हैं जीवन के अभावों को ।।
मेरा रोजगार है विभिन्न भावों का ।
जो हरते हैं जीवन के अभावों को ।।
नहीं है इसमें किसी भी प्रकार का सौदा !
बस पनपते हैं सिर्फ अपनेपन का पौधा !!
यहां पर प्रेम का बाजार नहीं लगता !
इसे नहीं दामों से खरीदा जा सकता !!
नहीं उसे नापा तोला जा सकता है !
इसे तो सिर्फ दिल से पाया जाता है ।
पूरे विनय , विवेक और आदर्श से
प्रेम भरते हैं हृदय में रंगीन भावों से ।
विभिन्न खट्टे मीठे रसों का भी रोजगार है ।
निस्वार्थ स्नेह से मधुरापान का कारोबार है ।
सभी धर्म जाति को पीने का अधिकार है ।
यहां धोखा, ईर्ष्या, द्वेष भाव को धिक्कार है ।।
एक बार आकर देखो और मेहसूस कीजिए।
कोई शुल्क नहीं है सिर्फ सिर झुका के लीजिए ।।
खिल जायेगा सारा जीवन ।
महक जायेगा सारे आलम का दामन ।।
मेरा रोजगार है विभिन्न भावों का।
जो हरते हैं जीवन के अभावों को ।।
-०-
बहुत सुंदर
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