ठीक नहीं है
हर वक्त तेरा दुनिया में झुकना ठीक नहीं है,
ठोकर खाकर फिर ठोकर खाना ठीक नहीं है।
औकात उन्हें उनकी बतला दो अब रघुवंशी,
हरदम नफरत पे प्यार जताना ठीक नहीं है।।
हरदम नफरत पे प्यार जताना ठीक नहीं है।।
जो वक्त बदलते बदल जाए वह ठीक नहीं है,
ऐसे लोगों से दिल का लगाना ठीक नहीं है।
दौलत खातिर जो मंदिर सा दिल तोड़ जाए,
इंसान जहां में रघुवंशी वो ठीक नहीं है।।
ऐसे लोगों से दिल का लगाना ठीक नहीं है।
दौलत खातिर जो मंदिर सा दिल तोड़ जाए,
इंसान जहां में रघुवंशी वो ठीक नहीं है।।
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