*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Thursday, 23 July 2020

खुशहाल रहे (मुक्तक) - डॉ. नीलम खरे


खुशहाल रहे
(मुक्तक)
बस यही मानना मेरी है अब,खाली ना कोय थाल रहे
बस यही भावना है मेरी अब,सुख पूरित हर साल रहे
'नीलम' की चाहत खुशबू से अब,महके हर इक बस्ती,
बस यही कामना है मेरी,अब हर आँगन खुशहाल रहे ।

वक्त सदा ही मधुरिम हो,अब उसकी सीधी चाल रहे
ना पॉकिट कोई खाली हो,हर अंटी में अब माल रहे
'नीलम' की है मंशा यह,अब सुखी रहे हर नर-नारी,
बस यही कामना है मेरी,अब हर आँगन खुशहाल रहे ।
-०-
डॉ. नीलम खरे
व्दारा- प्रो.शरद नारायण खरे, 
मंडला (मध्यप्रदेश)


***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ