(कविता)
(9 अगस्त 1942)
काँग्रेस का नेतृत्व पाकर
राष्ट्र चेतना आयी थी |
अँग्रेजों का दम फूला था ,
देश ने ली अँगड़ाई थी ||
भारत छोड़ो आंदोलन का ,
कुछ ऐसा आगाज हुआ |
काँग्रेस महा अधिवेशन में ,
था प्रस्ताव पास हुआ ||
नौ अगस्त सन बियाँलीस को ,
देश में हलचल भारी थी |
गाँधी जी के नेतृत्व में ,
बोली जनता सारी थी ||
अँग्रेजों तुम भारत छोड़ो ,
हिन्दुस्तान हमारा है |
सोने की चिड़िया देश को ,
लूटा तुमने सारा है ||
तुम्हें भगा कर ही दम लेंगे ,
यह संकल्प हमारा है |
बाँधा हमने कफन समझ लो ,
यहाँ न हक तुम्हारा है ||
व्यापारी बन बैठे शासक ,
कि तुमने गद्दारी है |
अपने देश में अपना शासन ,
हक की माँग हमारी है ||
उल्टी गिनती शुरू हो गई ,
अब तुम्हारे जाने की |
अधिपत्य व राज छोड़कर ,
राज हमें संभलाने की ||
हाथ मशालें लेकर निकले ,
काँग्रेस जन सारे थे |
भारत छोड़ो आंदोलन में ,
राष्ट्र एकता नारे थे ||
हाथ तिरंगा झंडा गीत ,
सभी बोलते जाते थे |
भारत माँ के जयकारों संग ,
आगे कदम बढ़ाते थे ||
अंग्रेजों ने दमन चक्र का
बिछा चहुँ ही जाल दिया |
चौदह हजार भारतीयों को
चहुँ जेल में डाल दिया ||
उग्र हो गया आंदोलन था ,
फैला विकट नजारा था |
बुलंद हौसले हाथकड़ी ,
जज्बा जोश नजारा था ||
नींद उड़ा दी अँग्रेजों की ,
आंदोलन ने हिला दिया |
भारत छोड़ो आंदोलन ने,
ऐतिहासिक काम किया ||
बलिदानों व संघर्षों में -
तन मन खूब लुटाया था |
कांग्रेस के सिवा अन्य दल ,
कोई साथ न आया था ||
(9 अगस्त 1942)
काँग्रेस का नेतृत्व पाकर
राष्ट्र चेतना आयी थी |
अँग्रेजों का दम फूला था ,
देश ने ली अँगड़ाई थी ||
भारत छोड़ो आंदोलन का ,
कुछ ऐसा आगाज हुआ |
काँग्रेस महा अधिवेशन में ,
था प्रस्ताव पास हुआ ||
नौ अगस्त सन बियाँलीस को ,
देश में हलचल भारी थी |
गाँधी जी के नेतृत्व में ,
बोली जनता सारी थी ||
अँग्रेजों तुम भारत छोड़ो ,
हिन्दुस्तान हमारा है |
सोने की चिड़िया देश को ,
लूटा तुमने सारा है ||
तुम्हें भगा कर ही दम लेंगे ,
यह संकल्प हमारा है |
बाँधा हमने कफन समझ लो ,
यहाँ न हक तुम्हारा है ||
व्यापारी बन बैठे शासक ,
कि तुमने गद्दारी है |
अपने देश में अपना शासन ,
हक की माँग हमारी है ||
उल्टी गिनती शुरू हो गई ,
अब तुम्हारे जाने की |
अधिपत्य व राज छोड़कर ,
राज हमें संभलाने की ||
हाथ मशालें लेकर निकले ,
काँग्रेस जन सारे थे |
भारत छोड़ो आंदोलन में ,
राष्ट्र एकता नारे थे ||
हाथ तिरंगा झंडा गीत ,
सभी बोलते जाते थे |
भारत माँ के जयकारों संग ,
आगे कदम बढ़ाते थे ||
अंग्रेजों ने दमन चक्र का
बिछा चहुँ ही जाल दिया |
चौदह हजार भारतीयों को
चहुँ जेल में डाल दिया ||
उग्र हो गया आंदोलन था ,
फैला विकट नजारा था |
बुलंद हौसले हाथकड़ी ,
जज्बा जोश नजारा था ||
नींद उड़ा दी अँग्रेजों की ,
आंदोलन ने हिला दिया |
भारत छोड़ो आंदोलन ने,
ऐतिहासिक काम किया ||
बलिदानों व संघर्षों में -
तन मन खूब लुटाया था |
कांग्रेस के सिवा अन्य दल ,
कोई साथ न आया था ||
-०-
पता
No comments:
Post a Comment