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Sunday, 11 October 2020

पापा की प्यारी (कविता) - निधि शर्मा

  

पापा की प्यारी
(कविता)
पापा की परी

 दिल में अरमान
 आखों में सपने
 मुठ्ठी में ले आशाएं
 और अपने नन्हें परों से
 छू लेने आसमां
 आई है
 पापा की परी

 दृढ संकल्प लिया है
 अपने सपनों को
 हकीकत बनाना है
 वो है अपने पापा की परी

 ठाना है
 किसी भी परिस्थिति में
 निराश नहीं होना है
 वो है अपने पापा की परी

 दिल में है अरमान
 कुछ ऐसा कर जाएं
 कि हर बेटी के पापा कहे
 मेरी परी आसमां छुएगी
 वो है अपने पापा की परी
 वो है अपने पापा की परी
-०-
पता:
निधि शर्मा
जयपुर (राजस्थान)


-०-


***
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