फरियाद कर लिया
दिल ही दिल में याद कर लिया,
दुआ में तुझे फरियाद कर लिया!
ये चाहत भी क्या शै है या रब,
ख़ुद को भी बर्बाद कर लिया!
रास न आई मुझे मुहब्बत तूने,
नई दुनिया आबाद कर लिया!
इक आरज़ू मेरे सीने में रख कर,
हसींख़्वाब की बुनियाद कर लिया!
शिकार मेरा करने की चाहत में,
ख़ुद को उसने सैयाद कर लिया!
पता:
मोहम्मद मुमताज़ हसन
गया (बिहार)
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