बंटी की वापसी
(लघुकथा)
बंटी आजकल बड़ा गुमसुम सा रहता था दोस्तो के साथ भी वह नहीं खेलता था आज उसके मम्मी पापा को टीचर ने मिलने स्कूल बुलाया था | उसके मम्मी पापा जो दोनों जॉब करते थे और दोनों ही हर रोज अपना तनाव अपना गुस्सा एक दूसरे पर घर पहुंचते ही निकालने लग जाते थे । दोनों उसे रास्ते भर डांटे जा रहे थे कि तुमने ऐसा क्या कर दिया जो टीचर ने बुला लिया पर बंटी एकदम शांत |
पर टीचर ने जो कहा उसे सुनकर दोनों के पैरो तले की जमीन खिसक गई टीचर ने कहा बंटी आजकल एकदम चुपचाप रहता है किसी से बात नहीं करता सवालों के जवाब भी नहीं देता है आप लोग बताए क्या बात है क्या उसे घर पर कोई परेशानी है तब नेहा और राज को एहसास हुआ कि कुछ दिनों से उन दोनों के बीच लगातार तकरार हो रही थी उनकी तू तू मै मै में उन्होंने बंटी की तरफ ध्यान ही नहीं दिया था | उन्हें अपनी गलती समझ आ गई थी दोनों उसे प्यार से घर लेकर आए और उसके साथ बहुत ही सामान्य व्यवहार करने लगे अब वे उसके सामने सोच समझ कर बात करते,परिणाम ये हुआ कि उन्होंने अपना पुराना बंटी जल्द ही वापस पा लिया और वे दोनों भी एक हो गए ।
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