(कविता)
दीपावली पर तुम दीपावली का अर्थ जान लो।
दीप-दिया,आवली-पंक्ति ,दियो की पंक्ति तुम जला लो।।
दियो व रोशनी का त्यौहार जान लो।
बाहार से नही अन्तरमन से ठान लो।।
दीपावली पर अमीरो तुम गरीबो ,का मजाक न उड़ा लो।
गरीबो के दिये खरीद कर तुम उनका मान बड़ा लो।।
दीये की पंक्ति इस कदर जला लो।
तुम्हारी खरीद से गरीबो अपने घर रोशनी कर ले।।
सब मिलकर दीपावली बना लो।
उंमग व खुशी के साथ हर भेद मिटा लो।।
इन दियो पर हक है हमारा तुम्हारा दियो की रोशनी तुम इस कदर जला लो।
बुराई रूपी तेल जले अच्छाई रूपी बत्ती बचा लो।।
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रश्मि शर्मा
आगरा(उत्तरप्रदेश)
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