राह निहारत श्याम तिहारी
(पद)
मत्तगयंद सवैया
【१】
प्यार दुलार करे बहु वो बढ़ मात मुझे जब गोद बिठाए ।
मोहिनि सी मुस्कान धरी मुख ,प्रेम पगे नित गीत सुनाए ।
वार मुझी पर जीवन के सुख, नाज करेअति नेह लुटाए ।
छाँव करे मुख मात सदा ही अरु नैनन गगरी छलकाए ।।
【२】
आय बसो हरि नैनन में अब ,राह निहारत श्याम तिहारी ।
मूरत एक छिपाय फिरूँ मैं मन मंदिर अविराम तिहारी ।
बीत गए दिन मास पिया अब आवत देर क्यों होत बिहारी ।
नाथ सुनो अब टेर गरीब कि हैं अखियां प्रभु ओर निहारी।।
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