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Monday, 9 December 2019

जीना छोड़ दिया क्या? (ग़ज़ल) - सत्यम भारती

जीना छोड़ दिया क्या?
(ग़ज़ल)
समस्याओं से उसने मुख मोड़ लिया क्या ?
आज फिर किसी ने जीना छोड़ दिया क्या?

खूनी खंज़र छिपा कर वो भीड़ से पूछता,
कत्ल कर कातिल उस ओर गया क्या ?

बिन कफ़न निकली आज उसकी मैय्यत,
शराब ने सारा धन निचोड़ लिया क्या ?

अजनबी से बांध रही हो दिल की डोर,
पिछले वाले से रिश्ता तोड़ दिया क्या ?

मयख़ानों में घट रही है भीड़ आजकल,
लोगों ने इश्क करना छोड़ दिया क्या ?
-०-
पता-
सत्यम भारती
नई दिल्ली
-०-

***
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