(कविता)
लगा है शुभकामनाओं का ताता
की जनम लिनहि है लक्ष्मी माता
जन जन का मन हर्षाया
की जनम लीं महालक्ष्मी माता
ढोलक बाजे ताशे बाजे
हर्षोल्लास से भक्त नाचे
धिन धिन धिन थैया ताता ——-कि जनम ली लक्ष्मी माता
कमल सेज पर लेटी माता
सुंदर नयन तेजस्वी माथा
असुरो का की संहार माता ——-कि जनम ली लक्ष्मी माता
लाल वस्त्र परिधान तुम्हारा
हाँथ से बहती धन की धारा
सबके सुख दुख की दाता ——-कि जनम ली लक्ष्मी माता
विष्णु जी के वामभाग मे
शोभा पाती क्षीरसागर मे
अद्भुत रूप सुहाता ———कि जनम ली लक्ष्मी माता
जो कोई लक्ष्मी जी को ध्याता
मनवांछ्त फल निश्चित पाता
भवसागर तर जाता ———कि जनम ली लक्ष्मी माता
की जनम लिनहि है लक्ष्मी माता
जन जन का मन हर्षाया
की जनम लीं महालक्ष्मी माता
ढोलक बाजे ताशे बाजे
हर्षोल्लास से भक्त नाचे
धिन धिन धिन थैया ताता ——-कि जनम ली लक्ष्मी माता
कमल सेज पर लेटी माता
सुंदर नयन तेजस्वी माथा
असुरो का की संहार माता ——-कि जनम ली लक्ष्मी माता
लाल वस्त्र परिधान तुम्हारा
हाँथ से बहती धन की धारा
सबके सुख दुख की दाता ——-कि जनम ली लक्ष्मी माता
विष्णु जी के वामभाग मे
शोभा पाती क्षीरसागर मे
अद्भुत रूप सुहाता ———कि जनम ली लक्ष्मी माता
जो कोई लक्ष्मी जी को ध्याता
मनवांछ्त फल निश्चित पाता
भवसागर तर जाता ———कि जनम ली लक्ष्मी माता
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