(कविता)
देश की सीमा में तैनात जवान सारी मुश्किलों से हमें बचाता
और एक साहित्यकार देशवासियों में देशभक्ति की धड़कने जगाता है
कलम की अपनी तेज धार चला कर वो जन जन में क्रांति लाता है
सैकड़ों युगों से चलते आ रहे ध्रश्टता के आइने लोगो को दिखलाता है
जब कलमकार अपनी पे आ जाता है तो अच्छे अच्छो को हिला जाता है
उसकी कलम की मार से फिर एक नया इतिहास रच जाता है
कलम की धार से हर शख्सियत खौफ जदा होता क्योंकि तलवार से भारी असर कलम का ही होता
प्रकृति का चित्रण हो या नारी सौन्दर्य कलम शोख़ अंदाज दिखाती
पर जब बात हो देश की शान की तो यही कलम आग बरसाती
और एक साहित्यकार देशवासियों में देशभक्ति की धड़कने जगाता है
कलम की अपनी तेज धार चला कर वो जन जन में क्रांति लाता है
सैकड़ों युगों से चलते आ रहे ध्रश्टता के आइने लोगो को दिखलाता है
जब कलमकार अपनी पे आ जाता है तो अच्छे अच्छो को हिला जाता है
उसकी कलम की मार से फिर एक नया इतिहास रच जाता है
कलम की धार से हर शख्सियत खौफ जदा होता क्योंकि तलवार से भारी असर कलम का ही होता
प्रकृति का चित्रण हो या नारी सौन्दर्य कलम शोख़ अंदाज दिखाती
पर जब बात हो देश की शान की तो यही कलम आग बरसाती
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शुभा/रजनी शुक्ला
रायपुर (छत्तीसगढ)
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