*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday, 16 March 2020

पहेलियाँ - भाग - २ (दोहा पहेली) - महावीर उत्तराँचली

पहेलियाँ - भाग - २
(दोहा पहेली)
अंग-रूप है काँच-का, रंग सभी अनमोल।
आऊँ काम श्रृंगार के, काया मेरी गोल // १२. //

अद्भुत हूँ इक जीव मैं, कोई पूंछ, न बाल।
बैठा करवट ऊँट की, मृग सी भरूँ उछाल // १३. //

बिन खाये सोये पिए, रहता सबके द्वार।
ड्यूटी देता रात-दिन, छुट्टी ना इतवार // १४. //

तनकर बैठा नाक पे, खींचे सबके कान।
उसका वजूद काँच का, देना इसपर ध्यान // १५ //

सर भी उसका पूंछ भी, मगर न उसके पाँव।
फिर भी दिखे नगर-डगर, गली-मुहल्ला-गाँव // १६ //

आ धमके वो पास में, लेकर ख़्वाब अनेक।
दुनिया भर में मित्रवर, शत्रू न उसका एक // १७ //

पूंछ कटे तो जानकी, शीश कटे तो यार।
बीच कटे तो खोपड़ी, नई पज़ल तैयार // १८ //

तेज़ धूप-बारिश खिले, देख छाँव मुरझाय।
अजब-ग़ज़ब वो फूल है, काम सभी के आय // १९ //

गोरा-चिट्टा श्वेत तन, हरी-भरी है पूँछ।
समझ न आये आपके, तो कटवा लो मूँछ // २० //

दरिया है पानी नहीं, नहीं पेड़ पर पात।
दुनिया है धरती नहीं, बड़ी अनोखी बात // २१ //

अन्धा हूँ पर नयन हैं, मुँह रहते मैं मौन।
पैर मगर ना चल सकूँ, यार बता मैं कौन // २२ //-०-
पता: 
महावीर उत्तराँचली
दिल्ली
-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 
पहेली जवाब 
(12) चूड़ियाँ / (13)मेंढ़क / (14) ताला / (15) ऐनक / (16) साँप / (17) नींद / (18) सियार / (19)छतरी / (20) मूली / (21) मानचित्र (नक़्शा) / (22) गुड्डा

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ