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Sunday, 26 January 2020

आँख मेरी भर आती है (कविता) - अंजलि गोयल 'अंजू'




आँख मेरी भर आती है
(कविता)
मेरे देश की माटी से खुशबू
वीरों के लहू की आती है
कुछ जयचंदों की मक्कारी की
बातें हमें सुनाती है
आजादी की गाथा माँ
जब रो रो हमें बताती है
तब वीर शहीदों की यादों में
आंख मेरी भर आती है

अशफाक अली, मंगल पांडे
आजाद, बोस बिस्मिल भाई
राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह
ने हँस-हँस फांसी खायी
जब जलिया वाले बाग की माँ
मुझको याद दिलाती है
तब वीर शहीदों ...

नन्हें -नन्हें बच्चे जब
नारा 'जय हिंद ' लगाते हैं
सुन देश भक्ति के गाने सुंदर
सीने उमड़े जाते हैं
झूमने लगता है अंबर
और धरती भी मुस्काती है
तब वीर शहीदों ...

जब बिटिया की शहनाई बजे
बिन बापू के डोली जाए
बिन चूड़ी बिंदी बिछुए पायल
मन रोए पर मुस्काए
देख वेदना ह्रदय की
दुनिया शीश नवाती है
तब वीर शहीदों ...

मेरे घर में रोज दिवाली है
वो सीमा पर खेलें होली
यूँ सीने पर झेलें गोली
ना मिटे किसी की रंगोली
ओढ़ चुनरिया तिरंगी
जब दुल्हन सी इठलाती है 
तब वीर शहीदों ...
-०-
अंजलि गोयल 'अंजू'
बिजनौर (उत्तरप्रदेश)

-०-
***
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11 comments:

  1. Replies
    1. अंजलि गोयल31 January 2020 at 22:08

      हार्दिक आभार

      Delete
    2. अंजलि गोयल31 January 2020 at 22:10

      हार्दिक आभार

      Delete
  2. भावपूर्ण ,देश प्रेम से ओतप्रोत रचना।बधाई

    ReplyDelete
  3. देश प्रेम से ओतप्रोत रचना।

    ReplyDelete
  4. अच्छा लिखा है।

    ReplyDelete

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