आये वतन पे खतरा
(कविता)
आये वतन पे खतरा वो जान भी लगा दो ,
ये मुल्क के जवानो जंग का ज़ूनून भर लो ,
इसी जंग के कोने मे कही जन्नत नजर आयेगी ,
जंग आ ही जाये सर पे तो जुल्म भी तू कर ले ,
आजाद मुल्क है तो आजाद हम रहेगे ,
कुर्बानियो के खातिर , कफन का ताज धर लो ,
ये ज़मी तुम्हारा , ये आंसमा तुम्हारा ,
अपनी आबरू के खातिर , अरमान दिल मे भर लो ,
रश्के जीना वतन है , अपना इस ज़हाँ मे ,
पांसवा है हर जंवा , गुलिस्तान दिल मे भर लो ,
है नहीं जंहा मे कोई भी अपना मरहम ,
दर्दनिया के दिल मे रखकर उड़ान भर लो ,
मजहब की बात छोड़ो , हम साया है अपना ,
गुलशन मे बहुत फूल है सब फूलो से प्यार कर लो !
आये वतन पे खतरा वो जान भी लगा दो ,
ये मुल्क के जवानो जंग का ज़ूनून भर लो ,
इसी जंग के कोने मे कही जन्नत नजर आयेगी ,
जंग आ ही जाये सर पे तो जुल्म भी तू कर ले ,
आजाद मुल्क है तो आजाद हम रहेगे ,
कुर्बानियो के खातिर , कफन का ताज धर लो ,
ये ज़मी तुम्हारा , ये आंसमा तुम्हारा ,
अपनी आबरू के खातिर , अरमान दिल मे भर लो ,
रश्के जीना वतन है , अपना इस ज़हाँ मे ,
पांसवा है हर जंवा , गुलिस्तान दिल मे भर लो ,
है नहीं जंहा मे कोई भी अपना मरहम ,
दर्दनिया के दिल मे रखकर उड़ान भर लो ,
मजहब की बात छोड़ो , हम साया है अपना ,
गुलशन मे बहुत फूल है सब फूलो से प्यार कर लो !
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पता:
रूपेश कुमार
रूपेश कुमार
चैनपुर,सीवान बिहार
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