बस शिकायत नहीं..
(कविता)
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,एक संग नाम लेना है।
हैं एक देश की संतानें बस,
सभी को मान देना है।।
इतनी महोब्बत हो कि निशां,
नफरत का मिट जाये।
हम सब हैं भारत वासी बस,
यही पैगाम देना है।।
विश्व के शिखर पर हमें भारत
का नाम चाहिये।
चोटी पर लहराता तिरंगा
आलीशान चाहिये।।
हिये वही पुरातन विश्व गुरु
का दर्जा भारत को।
फिर वही सोने की चिड़िया
वाला हिंदुस्तान चाहिये।।
शत शत नमन उन शहीदों को
जो देश पर कुर्बान हो गये।
वतन के लिए होकर बलिदान
वह बस बे जुबान हो गये।।
उनके प्राणों की कीमत पर ही
सुरक्षित है देश हमारा।
वह जैसे जमीन ऊपर उठ कर
आसमान हो गये ।।
अम्बर के उस पार जा कर,
नया हिंदुस्तान बनाना है।
भारत के गौरव चंद्रयान से,
चाँद को छू कर आना है।।
अंतरिक्ष की उड़ान से सम्पूर्ण,
मानवता को देना है संदेश।
सम्पूर्ण विश्व में भारत को,
हमें महान कहलाना है।।
वाला हिंदुस्तान चाहिये।।
शत शत नमन उन शहीदों को
जो देश पर कुर्बान हो गये।
वतन के लिए होकर बलिदान
वह बस बे जुबान हो गये।।
उनके प्राणों की कीमत पर ही
सुरक्षित है देश हमारा।
वह जैसे जमीन ऊपर उठ कर
आसमान हो गये ।।
अम्बर के उस पार जा कर,
नया हिंदुस्तान बनाना है।
भारत के गौरव चंद्रयान से,
चाँद को छू कर आना है।।
अंतरिक्ष की उड़ान से सम्पूर्ण,
मानवता को देना है संदेश।
सम्पूर्ण विश्व में भारत को,
हमें महान कहलाना है।।
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