*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday, 18 January 2021

गाऊंगी (कविता) - होशियार सिंह यादव

 

गाऊंगी
(कविता)
तुम बन जाओ गीत मेरे,
मैं नृत्य बनकर गाऊंगी,
तुम बन जाओ भ्रमर तो,
तो फूल बनके आऊंगी।

तुम बन जाओ चितचोर,
मैं प्रेमिका बन लुभाऊंगी,
तुम बनोगे ढोलक अगर,
मैं सारंगी बनके आऊंगी।

तुम मेरे दिल की धउ़कन,
मैं दिल का रूप बनाऊंगी,
तुम बनाकर आओ हँसी,
मैं होठों पर मुस्कराऊंगी।

तुम आग का रूप बनोगे,
मैं पानी बन प्यास बुझाऊं,
जब जब तुम मुझे पुकारो,
मैं संगिनी बन कर आऊंगी।

तुम होठों का रूप धरोगे,
मैं बंशी तेरी बन जाऊंगी।,
तुम प्रेम से याद करो तो,
गीत बनकर ही गाऊंगी।।
-०-
पता: 
होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ (हरियाणा)

-०-

होशियार सिंह यादवजी की रचनाएं पढ़ने के लिए शीर्षक चित्र पर क्लिक करें!

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ