मेरा भारत महान है
(कविता)
मेरे देश को नमन करता यह जहान है,
हृदय गाता रहे मेरा भारत महान है।
जहाँ कल - कल बहती है गंगा पावन
जहाँ प्रतिक्षण बरसता है प्रेम का सावन,
जहाँ विवाह होता है सात जन्मों का बंधन
उस देश की भूमि को शत- शत वंदन,
पूण्य भारत भारती पर प्राण कुर्बान है।
हृदय गाता रहे मेरा भारत महान है...
जहाँ अहिंसा ही होती परम् धर्म है
जहाँ व्यक्ति जानते वेद,पुराणों का मर्म है,
जहाँ भाग्य से बड़ा होता सत्कर्म है,
जहाँ पिता नारियल का जैसा सख़्त और नर्म है,
मेरे देश में हिंदी भाषा का सम्मान है।
हृदय गाता रहे मेरा भारत महान है...
जहाँ प्रस्तर का भी पूजन होता है,
रूप तुलना में गुणों का नमन होता है,
त्योहारों पर आत्मीयता से आलिंगन होता है,
बुजुर्गों की सेवा का प्रचलन होता है,
भारत में माँ- बाप भगवान के समान हैं।
हृदय गाता रहे मेरा भारत महान है ..
No comments:
Post a Comment