(कविता)
भाई- बहन का इस जग मेंरिश्ता बड़ा निराला है
कभी धूप तो कभी छाँव की तरह
आँगन में इनसे उजियारा है
जिस घर में हो भाई- बहन
वह घर खुशियों से भरा रहता है
प्यार- स्नेह का भूखा
नाता यह गजब अनोखा है
बड़ा भाई लगे पिता समान
छोटा दे बेटे सा सम्मान
माँ की कोख़ से ही उसने
बहन की रक्षा का भार उठाया है
हों चाहे कितने भी शिकवे-गिले
पलभर में सबकुछ भूला यह देते है
बिन बोले बताये ही इकदूजे के प्रति
अपना कर्तव्य ये निभाते हैं...
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पता:
लक्ष्मी बाकेलाल यादव
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nice happy rakhshabandhan
ReplyDeleteअप्रतिम रचना खूप छान
ReplyDeleteधन्यवाद😊
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ReplyDeleteआपल्या रचना थेट मनापर्यत पोहचतात
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